Sunday, November 30, 2014

'' माँ ''



'' माँ ''

दूर हूँ तुझसे,
तेरे प्यार को,
ढूँढता हूँ माँ,
               तनाव भरी जिंदगी में,
               तेरे हाथ के स्पर्श के ठंडक,
               ढूँढता हूँ माँ,
दुख में छलक हैं जब इन से आंसू,
उन्हें दुनिया से छिपाने के लिए,
तेरे आंचल को ढूँढता हूँ माँ ,
              थक जाता हूँ जब चलते चलते,
              चैन भरी नींद को ,
              तेरी पावन गोद  ढूँढता हूँ माँ,
जब भी आती हैं तेरी याद,
अपनी आँखों को बंद कर ,
ममता भरी उस छवि को ढूँढता हूँ माँ,
              जब भी तडपाती हैं भूख मुझे ,
              जीभ प्रिय व्यंजनों की भीड़ में,
              तेरे हाथों से बनी नरम रोटी को ढूँढता हूँ माँ ,
जब भी पूजता हूँ ईश्वर को ,
हाथ जोड़ मांगता हूँ राम से,
हर जनम में मिले मुझे तू बन के मेरी माँ ।

"I LOVE U MOM VERY MUCH"

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