Sunday, November 30, 2014

लघु कथा - मजदूर दिवस



मजदूर दिवस

राम सिंह ये लो आज के अपने पैसे ये रही तुम्हारी मजदूरी और सुनो सभी, कल की छुट्टी है कल काम पर नहीं आना है । मजदूरों के ठेकेदार ने सभी मजदूरों को उनकी दिहाड़ी देते हुए कहा।

कल तो कोई त्यौहार भी नहीं है राम सिंह ने पूछा

अरे कल तो सब मजदूरों का त्यौहार है कल 1 मई है यानि मजदूर दिवस ।

ये कौनसा दिवस है

सभी मजदूरों के हितो की रक्षा के सरकार हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मानती है

लेकिन shab हम काम पर नहीं आयेगे तो हमारे बच्चे कल क्या खायेगे आप तो जानते ही है हमे जो मजदूरी मिलती है उसमे एक दिन का ही गुज़ारा हो जाये तो गनीमत है ऐसे में ये छुट्टी हमारे किस काम की, हमे तो दो वक़्त की रोटी मिलती रहे ये ही हमारा हित है। साहब हमे तो काम पर बुला लो कम से कम हमारे घर में चुल्हा तो जल जायेगा

अरे सरकारी आदेश है मानना तो पड़ेगा ही कल काम नहीं हो सकता कह कर ठेकेदार चला गया

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